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    कच्ची कुटी

    महेट क्षेत्र में दो टीले है। इन्ही के बीच खुदाई से प्राप्त कच्ची कुटी की उल्लेखनीय संरचना है। यह पक्की कुटी के दक्षिण पूर्व में आगे जाकर कुछ मीटर की दूरी पर अवस्थित है यहां खुदाई में बोधिसत्व का एक चित्र प्राप्त हुआ था जिसके निचले हिस्से पर अंकित आलेख से इस ढ़ाचे के कुषाण कालीन होने का पता चलता है विभिन्न साक्ष्य यह प्रदर्षित करते है कि बाद में इस स्थल का कई बार मरम्मत और निर्माण कार्य हुआ। इस स्थल के बारे में दो अलग-अलग मत है। कुछ विद्वानों के अनुसार यह स्थल ब्राहमण मंदिर से सम्बन्धित है। वही दूसरी समूह के विद्वान चीनी यात्री फाहियान एवं हवेनसांग का संदर्भ देते इसको सुदेत के स्टूप (अनथपिंण्डक) से सम्बन्धित बताते है। यह ढ़ाचा दूसरी शताब्दी ईषा पूर्व की शुरूवात से लेकर बारवही शताब्दी ईषा पूर्व की संरचनाओं के अवषेषों को प्रदिर्षित करता है। ढ़ाचें से कई सतहे है जो इसके पहचान के कार्य को जटिल बना देती है। दृष्टिगत ढ़ाचों की प्रकृति और स्थल पर पाये गये प्राचीन वस्तुओं से यह प्रतीत होता है कि कुषाष काल के बौद्ध स्तूप के ऊपर गुप्त काल का मंदिर बाद में बना है। यहां बना रास्ता इस ढ़ांचे को नौषहरा एवं बेदमारी नाम के द्वारों से जोडता है।

    संपर्क विवरण

    पता: कच्ची कुटी श्रावस्ती .

    सहेट

    कैसे पहुंचें

    प्रकाशन और समाचार पत्र

    चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ

    ट्रेन द्वारा

    पयागपुर रेलवे स्टेशन

    सड़क के द्वारा

    श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। निकटतम रेलवे स्टेशन गोण्डा में है जो श्रावस्ती शहर से 50 किलोमीटर दूर है। गोंडा लखनऊ, बरेली, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा और मथुरा जैसे शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इन बसों का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य पथ परिवहन निगम के साथ-साथ निजी कंपनियां भी करती हैं |